उपभोक्ता कानून 2019
उपभोक्ता कानून अधिनियम 1986(2019)
उपभोक्ता कानून2019 में भारत के संसद द्वारा बनाया गया है या फिर यूं कहें कि 2019 में का अमेंडमेंट किया गया था हालांकि यह कानून 1986 की ही हैl इस कानून का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता को विक्रेता से सामान में हुई त्रुटि से राहत दिलाना हैl इसके साथ ही सर्विस प्रोवाइडर अगर सर्विस उचित तरीके से प्रोवाइड नहीं करता है या उसकी सर्विस में भी त्रुटियां रह जाती हैं तो इसके तहत भी उपभोक्ता कानून के अंतर्गत कंप्लेंट केस दायर किया जाता हैl दिन में कुल 107 धाराएं हैंl
इसकी फाइलिंग जिला फोरम में (20 लाख रुपए तक का केस), राज्य फोरम में (20 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक का केस), राष्ट्रीय फोरम में (1 करोड़ रुपए से अधिक का केस) होती हैl
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